विष्णुपुराण का अध्ययन मेरे लिए केवल एक आध्यात्मिक यात्रा ही नहीं बल्कि जीवन के व्यावहारिक पहलुओं को समझने का एक खास अनुभव रहा है ! जब भी मैं भगवान विष्णु की लीलाओं और उनके विविध अवतारों के बारे में सोचता हूँ तो मुझे ऐसा लगता है कि हर युग में समाज की रक्षा के लिए कोई न कोई स्वरूप समय-समय पर सामने आता है ! ये लीलाएं इतनी सहज और सुंदर भाषा में सामने आई हैं कि मन को गहराई से छू जाती हैं !
मुझे सबसे खास प्रसंग लगते हैं जहां भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए अलग अलग रूप धारण किए जैसे ध्रुव की अटूट भक्ति या प्रह्लाद की अपार निष्ठा की कहानियाँ आज भी हमारे आचरण के लिए प्रेरणा बनती हैं ! मैं अक्सर सोचता हूँ कि ये कथाएं सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और नैतिक शिक्षा भी देती हैं ! विष्णुपुराण ने भक्ति और ज्ञान का इतना अच्छा संतुलन रखा है कि हर कहानी हमें कुछ न कुछ नया सिखाती है !
इसके अलावा विष्णुपुराण में प्रकृति, भूगोल, राजवंशों और कर्मकांड के बारे में इतनी जीवंत चर्चा है कि जब मैं इसे पढ़ता हूँ तो तत्कालीन समाज और उसके विज्ञान की तस्वीर मेरे सामने स्पष्ट हो जाती है ! श्रीकृष्ण की लीलाएं हों या सनातन धर्म के मूल सिद्धांत हर प्रसंग मेरे मन और आत्मा दोनों तक पहुँचता है ! मेरे लिए इस पुराण की सबसे प्यारी बात यह है कि इसमें केवल भक्ति नहीं बल्कि कर्तव्य, नीति, और जीवन के मूल्य भी संतुलित और व्यावहारिक रूप में बताए गए हैं !
जब मैं विष्णुपुराण पढ़ता हूँ तो मुझे लगता है कि भगवान विष्णु की भक्ति के साथ साथ हमें अपने जीवन में कर्तव्य और नैतिकता का भी ध्यान रखना चाहिए ! क्या आपको भी ऐसा लगता है कि इनमें छिपी कहानियाँ आज के समाज में भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी पहले कभी थीं ?
इस तरह विष्णुपुराण ने मुझे न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है बल्कि जीवन जीने का तरीका भी नई दृष्टि से समझाया है !